दिल्ली पुलिस ने राजधानी को नशा मुक्त बनाने के अपने महत्वाकांक्षी लक्ष्य के तहत 7 दिसंबर 2024 को सेंट्रल पार्क, कनॉट प्लेस में एक मेगा जागरूकता अभियान का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खिलाफ लड़ाई में जनता को जागरूक और प्रेरित करने के उद्देश्य से कई गतिविधियाँ और प्रदर्शन आयोजित किए गए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और दिल्ली के उपराज्यपाल के नेतृत्व में नशा मुक्त भारत के सपने को साकार करने और दिल्ली में नशीली दवाओं से संबंधित अपराधों को समाप्त करने के लिए दिल्ली पुलिस ने अपनी जीरो-टॉलरेंस नीति को सख्ती से लागू करने की दिशा में यह अभियान शुरू किया है। इस पहल का उद्देश्य जनता को नशीली दवाओं के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक करना, समाज के हर वर्ग को इस लड़ाई में शामिल करना और नशीली दवाओं की तस्करी के नेटवर्क को खत्म करना है।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में दिल्ली के विशेष पुलिस आयुक्त (एएनटीएफ), अपराध शाखा देवेश चंद्र श्रीवास्तव मौजूद थे। अपने संबोधन में उन्होंने कहा,
> “नशीली दवाओं का दुरुपयोग न केवल व्यक्तिगत जीवन को तबाह करता है, बल्कि पूरे समाज के ताने-बाने को कमजोर करता है। इसे रोकने के लिए हमें सामूहिक प्रयासों की जरूरत है। दिल्ली पुलिस इस खतरे को जड़ से खत्म करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है, लेकिन इसमें हर नागरिक की सक्रिय भागीदारी आवश्यक है।”
उन्होंने यह भी बताया कि अंतर्राष्ट्रीय मादक पदार्थ तस्करी के “डेथ क्रिसेंट” और “डेथ ट्राएंगल” जैसे क्षेत्रों से जुड़े नेटवर्क को खत्म करना भारत की प्राथमिकताओं में शामिल है।
इस आयोजन को जनता के लिए रोचक और शिक्षाप्रद बनाने के लिए कई प्रभावशाली गतिविधियों को शामिल किया गया:
1. दिल्ली पुलिस बैंड का प्रदर्शन: एक संगीतमय प्रस्तुति के जरिए नशीली दवाओं के खिलाफ जागरूकता।
2. नुक्कड़ नाटक: अश्मिता थिएटर ग्रुप द्वारा मादक पदार्थों की लत के विनाशकारी प्रभावों को दर्शाने वाला प्रेरणादायक नाटक।
3. पैंटोमाइम शो: टीम अरिजीत रॉय ने नशीली दवाओं के दुष्प्रभावों को मूक अभिनय के माध्यम से प्रभावशाली तरीके से प्रस्तुत किया।
4. पेंटिंग प्रदर्शनी: स्कूली और कॉलेज के छात्रों द्वारा बनाई गई पेंटिंग्स, जिनका विषय था “नशा मुक्त समाज”।
5. जागरूकता वीडियो: दिल्ली पुलिस के जन संपर्क वाहन के माध्यम से नशीली दवाओं के प्रभाव और इससे बचने के उपायों पर आधारित शॉर्ट फिल्में प्रदर्शित की गईं।
6. ई-प्रतिज्ञा: उपस्थित लोगों ने डिजिटल माध्यम से नशा मुक्त समाज के लिए अपना समर्थन व्यक्त किया।
7. प्रदर्शन और सूचना केंद्र: नशीली दवाओं से निपटने में दिल्ली पुलिस की उपलब्धियों और उनके प्रयासों को प्रदर्शित करने वाली जानकारीपूर्ण प्रदर्शनी।
इस कार्यक्रम से पहले 20 नवंबर 2024 को दिल्ली के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में 9वीं राज्य स्तरीय एनसीओआरडी बैठक आयोजित की गई थी। 26 नवंबर 2024 को उपराज्यपाल की अध्यक्षता में इस बैठक की समीक्षा की गई। इन बैठकों में “2027 तक नशा मुक्त दिल्ली” के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अंतर-विभागीय समन्वय और प्रयासों को तेज करने पर जोर दिया गया। इसके तहत 1 दिसंबर 2024 से एक महीने का व्यापक अभियान शुरू किया गया, जिसमें संवेदनशील स्थानों पर छापेमारी, जागरूकता अभियान, और ड्रग तस्करों पर कार्रवाई शामिल है।
कार्यक्रम में दिल्ली पुलिस ने आम जनता से अपील की कि वे नशीली दवाओं के तस्करों की जानकारी देने में पुलिस का सहयोग करें। जानकारी देने वालों को नकद पुरस्कार और उनकी पहचान गोपनीय रखने का वादा किया गया।
कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए धन्यवाद देते हुए दिल्ली पुलिस के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (अपराध), संजय भाटिया ने कहा,
> “नशा मुक्त समाज बनाना केवल एक कानूनी या शैक्षिक प्रयास नहीं, बल्कि सामूहिक एकजुटता का प्रतीक है। हमें इसमें हर वर्ग के नागरिकों, छात्रों, शिक्षकों और पेशेवरों का सहयोग चाहिए। दिल्ली पुलिस इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।”
“2027 तक नशा मुक्त दिल्ली” का यह अभियान नशीली दवाओं के दुरुपयोग से मुक्त एक सुरक्षित और स्वस्थ समाज बनाने की दिशा में एक निर्णायक कदम है। दिल्ली पुलिस का यह आयोजन न केवल नशीली दवाओं के खिलाफ लड़ाई में जन भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए प्रभावी साबित हुआ, बल्कि समाज में एक सकारात्मक संदेश भी प्रसारित किया।
दिल्ली पुलिस ने सभी नागरिकों से इस पहल का हिस्सा बनने और दिल्ली को नशा मुक्त बनाने के अभियान में सक्रिय योगदान देने की अपील की।