नई दिल्ली,दिल्ली के उपराज्यपाल के संवाद कार्यक्रम के विस्तार के तहत, दिल्ली पुलिस और शिक्षा विभाग ने शिक्षकों के लिए एक विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य स्कूलों में बम धमकियों, नशीली दवाओं के दुरुपयोग और साइबर हाइजीन (साइजीन) जैसे गंभीर मुद्दों से निपटने के लिए शिक्षकों को तैयार करना था। कार्यक्रम का आयोजन शाहदरा जिले में किया गया, जिसमें ट्रांस-यमुना क्षेत्र के 247 शिक्षकों ने हिस्सा लिया।
इस प्रशिक्षण का प्राथमिक उद्देश्य शिक्षकों को स्कूलों में सुरक्षा सुनिश्चित करने और छात्रों के बीच साइबर अपराध तथा नशीली दवाओं के खतरों के प्रति जागरूक करना था। इसमें तीन प्रमुख विषयों पर ध्यान केंद्रित किया गया:
1.बम धमकियों से निपटना:
शिक्षकों को इमरजेंसी निकासी प्रक्रिया, संचार प्रोटोकॉल, और बम धमकियों के दौरान अपनाए जाने वाले सुरक्षा उपायों के बारे में प्रशिक्षित किया गया।
2.नशीली दवाओं के दुरुपयोग की रोकथाम: छात्रों में नशीली दवाओं के दुरुपयोग के चेतावनी संकेतों की पहचान और उन्हें समय पर सहायता प्रदान करने के तरीकों पर चर्चा की गई।
3.साइबर हाइजीन (साइजीन):
शिक्षकों को छात्रों के डेटा की सुरक्षा, साइबर बुलिंग को रोकने, और डिजिटल दुनिया में सुरक्षित व्यवहार बनाए रखने के उपायों के बारे में जागरूक किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता संजय सैन (डीसीपी क्राइम ब्रांच) ने शिक्षकों को संबोधित करते हुए उनकी जिम्मेदारियों और छात्रों के भविष्य को सुरक्षित बनाने में उनकी भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने कहा, _”भविष्य के प्रभावशाली व्यक्तियों के रूप में शिक्षकों का सीधा प्रभाव छात्रों पर पड़ता है। साइबर हाइजीन और नशीली दवाओं के खतरों से जुड़े मुद्दों पर उनकी जागरूकता आवश्यक है।”_
प्रशांत गौतम (डीसीपी शाहदरा) ने कहा, _”स्कूल सुरक्षा और साइबर अपराध रोकथाम के क्षेत्र में यह प्रशिक्षण शिक्षकों को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।”_
सत्र के दौरान, सेवानिवृत्त एसीपी और साइबर अपराध विशेषज्ञ प्रभात सिन्हा ने साइबर हाइजीन पर एक विस्तृत प्रेजेंटेशन दिया। उन्होंने छात्रों के सामने आने वाली डिजिटल चुनौतियों, उनके समाधान, और साइबर अपराध रोकथाम के व्यावहारिक उपायों पर चर्चा की।
कार्यक्रम के दौरान वास्तविक जीवन की केस स्टडीज पर चर्चा की गई। शिक्षकों को उन घटनाओं का विश्लेषण करने का अवसर दिया गया जिनमें स्कूलों को बम धमकी, नशीली दवाओं के दुरुपयोग, और साइबर अपराधों का सामना करना पड़ा। इन गतिविधियों ने शिक्षकों को इन समस्याओं की पहचान करने और प्रभावी ढंग से समाधान निकालने के उपकरण प्रदान किए।
शिक्षकों ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह सत्र बेहद शिक्षाप्रद और व्यावहारिक था। उन्होंने अपने स्कूलों में इन सीखों को लागू करने और छात्रों के लिए सुरक्षित शिक्षण वातावरण तैयार करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की।
दिल्ली पुलिस और शिक्षा विभाग ने भविष्य में इस तरह के और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बनाई है। इन सत्रों के माध्यम से शिक्षकों को न केवल जागरूक किया जाएगा, बल्कि उन्हें छात्रों की सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक उपकरण और तकनीकें भी सौंपी जाएंगी।
यह कार्यक्रम दिल्ली पुलिस और शिक्षा विभाग के बीच समन्वय का उत्कृष्ट उदाहरण है। इससे न केवल शिक्षकों को सशक्त बनाया गया, बल्कि छात्रों के लिए एक सुरक्षित और सकारात्मक वातावरण बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया।