थाना ज्योति नगर के एसएचओ एक दिन की छुट्टी पर थे
थाने के इंस्पेक्टर इन्वेस्टिगेशन ने शराब के नशे में आम लोगों और इलाके के व्यापारियों को थाने में बंधक बनाकर किया टॉर्चर
अपने वरिष्ठ अधिकारियों की भी एक नहीं सुनी और मार-पिटाई के बाद पैसे लेकर लोगों को छोड़ा
इस नशेबाज इंस्पेक्टर ने महकमे के अधिकारियों को भी भद्दी-भद्दी गालियों से नवाजकर पुलिस महकमे को किया बदनाम।
अब पुलिस के अधिकारी कार्यवाही के नाम पर अपना पल्ला झाड़ने में लगे हुए है…
दिल्ली:-नार्थ-ईस्ट जिले के थाना ज्योति नगर थाने के पास पैट्रोल पम्प के पास लगी भीड़ को देखने के लिए रुके इलाके के लोगों ने कारण पूछा तो पुलिसकर्मी उनसे अभद्रता करने लगे और पकड़कर थाने ले गए। थाना ज्योति नगर के एसएचओ लल्लन केसरी उस दिन छुट्टी पर थे। थाने में ATO नहीं होने पर थानाध्यक्ष की ज़िम्मेदारी इंस्पेक्टर इन्वेस्टिगेशन संजीव वर्मा पर थी। जब एक दिन के थानाध्यक्ष संजीव वर्मा रात में शराब पीकर थाने आये तो उन्हें जो भी थाने में बहरी व्यक्ति मिला उसे जमकर पीटने लगे। जब पीड़ित लोगो के रिश्तेदार और दोस्त जो व्यापारी वर्ग से ताल्लुकात रखते थे, उन्हें भी जमकर पीटा और बंद कर दिया।जब व्यापारियों ने एसएचओ को फोन किया और इस घटना के बारे में बताया तो एसएचओ लल्लन केसरी ने संजीव वर्मा को फोन किया लेकिन संजीव वर्मा ने उनका भी फोन नहीं उठाया। एसएचओ ने उन्हें 14 बार कॉल किया लेकिन संजीव वर्मा ने कॉल रिसीव नहीं किया। इलाके के व्यापारियों ने जिले के DCP को इस बावत बताया तो उन्होंने भी संजीव वर्मा को लोगों को छोड़ने और मारपीट ना करने की हिदायत दी लेकिन संजीव वर्मा थानाध्यक्ष होने के मद में चूर अधिकारीयों की बात भी नहीं मानी और अपने ही वरिष्ठ अधिकारीयों को भद्दी-भद्दी गलियां दी और अपमानजनक बातें कही। देर रात जब उनका नशा उतरा तब कहीं जाकर उन्होंने थाने में बंधक बनाये लोगों को पैसे लेकर छोड़ा।अगले दिन जब पीड़ित लोगों ने वरिष्ठ अधिकारीयों से कार्यवाही की गुहार लगाई तो अधिकारी अपने इंस्पेक्टर पर कार्यवाई से बचते नज़र आये।घटना के तीन दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक संजीव वर्मा पर कोई कार्यवाई नहीं की गई है।
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