दिल्ली पुलिस अपने पॉडकास्ट ‘किस्सा खाकी का’ के अगले अंक में सब इंस्पेक्टर सोनू की कहानी लोगों के बीच लेकर आ रही है। सोनू ने 2007 में दिल्ली पुलिस में सब इंस्पेक्टर के पद पर शामिल हुए। सोनू कोरोना काल के दौरान जब बीमार थे तभी उन्होंने संकल्प लिया था कि जब वो कोरोना से ठीक होंगे तो वह लोगों के लिए कुछ जरूर करेंगे। कोरोना से ठीक होने के बाद सब इंस्पेक्टर सोनू ने अपने तीन साथियों, देवेंद्र बैंसला, रवींद्र बैंसला और अमर बंसल के साथ मिलकर गांव में ग्राम पाठशाला की शुरुआत की, जिसके लिए गांव के लोगों ने भी चंदा दिया था। आज इनके प्रयास से दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान में अब तक 250 से अधिक लाइब्रेरी (ग्राम पाठशाला) खोली जा चुकी है। ग्राम पाठशाला के जरिए ग्रामीण अंचलों के बच्चे ज्ञान प्राप्त कर रहे हैं। इसमें UPSC की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों के लिए अलग से व्यवस्था की गई है।
किस्सा खाकी का दिल्ली पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना की एक पहल है। दिल्ली पुलिस के पॉडकास्ट ‘किस्सा खाकी का’ में हर सप्ताह एक नई, सकारात्मक और ऊर्जा से भर देने वाले पुलिसकर्मियों की कहानी सुनाई जाती है। इस पॉडकास्ट की परिकल्पना, पटकथा और आवाज जेल सुधारक और मीडिया शिक्षक डॉ. वर्तिका नन्दा ने की है। वे दिल्ली विश्वविद्यालय के लेडी श्रीराम कॉलेज के पत्रकारिता विभाग की प्रमुख हैं।इस पॉडकास्ट का प्रसारण प्रत्येक रविवार, दोपहर 2 बजे किया जाता है। इसे आप दिल्ली पुलिस के ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर सुन सकते हैं। दिल्ली पुलिस का प्रयास है कि सोशल मीडिया के माध्यम से युवाओं के साथ संवाद को बढ़ाया जाए जिससे नागरिकों और पुलिस के बीच उत्कृष्ट जनसंपर्क को विकसित किया जा सके।