डीसीपी आईजीआईए तनु शर्मा ने बताया कि आईजीआईए टीम ने बीसीएएस कार्यालय में खुद को भारतीय वायु सेना का विंग कमांडर बताने वाला धोखेबाज को किया गिरफ्तार
उसके पास से 19 टिकटें, 2 वर्दी और अन्य आपत्तिजनक सामग्री बरामद
12.10.2022 को ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी (बीसीएएस) की ओर से आईजीआई हवाई अड्डे पर एक शिकायत प्राप्त हुई थी जिसमें यह उल्लेख किया गया था कि फिरोज गांधी नामक एक व्यक्ति ने 11.10.2022 को खुद को भारतीय वायु सेना के विंग कमांडर के रूप में घोषित करते हुए बीसीएएस कार्यालय से संपर्क किया था। उन्होंने अपने हवाई अड्डा प्रवेश पास (एईपी) के नवीनीकरण के लिए बीसीएएस से संपर्क किया था।उनका आवेदन बीसीएएस को प्राप्त हुआ और यह निर्णय लिया गया कि एईपी आवेदन को सीएसीएस (सेंट्रलाइज्ड एक्सेस कंट्रोल सिस्टम) बायोमेट्रिक पोर्टल पर भारतीय वायु सेना के माध्यम से भेजा जाना चाहिए।आरोपी के पास पहले से ही एक वैध एईपी पास था, जो फर्जी दस्तावेजों के आधार पर प्राप्त किया गया था, जिसे उसने एयरोड्रम एंट्री पास हासिल करने के लिए ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी (बीसीएएस) कार्यालय में जमा किया था।इसके अलावा भारतीय वायु सेना से सत्यापन के दौरान आवेदक फिरोज गांधी की साख संदिग्ध पाई गई। बीसीएएस ने भारतीय वायु सेना के अधिकारियों को घटना के बारे में सूचित किया और 12.10.2022 को जब वह अपना पास लेने आया तो उसे पकड़ लिया गया। उसके पास से भारतीय वायु सेना (डायरी आदि) की आपत्तिजनक सामग्री मिली।बाद में प्रतिरूपणकर्ता को पुलिस स्टेशन आईजीआई हवाई अड्डे को सौंप दिया गया और मामला प्राथमिकी संख्या 449/2022 दिनांक 12.10.2022 यू/एस 170/171/419/420 आईपीसी दर्ज किया गया और जांच शुरू की गई।
किए गए अपराध की गंभीरता को देखते हुए आरोपी से गहन पूछताछ की गई और बाद में उसे वर्तमान मामले में गिरफ्तार कर लिया गया।पूछताछ करने पर आरोपी फिरोज गांधी पुत्र जफरुद्दीन गांधी निवासी एच नं 102, ताज एन्क्लेव, गीता कॉलोनी, नई दिल्ली आयु 40 वर्ष, ने खुलासा किया कि वह एयरो-मॉडलिंग के रूप में राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) के एयर विंग में शामिल हुए थे। 2005 में प्रशिक्षक और 2018 तक वहां काम किया। वह हमेशा वायु सेना अधिकारी की वर्दी पर मोहित थे और उन्होंने अपने लिए वायु सेना की आधिकारिक वर्दी तैयार की। 2019 में उन्होंने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बीसीएएस से अपना एयरोड्रम एंट्री पास तैयार करवाया यानी खुद को वायु सेना के विंग कमांडर के रूप में पेश किया। बीसीएएस एईपी पास नवंबर 2022 तक वैध था। पकड़े जाने पर वह एईपी पास का नवीनीकरण कराने के लिए बीसीएएस के कार्यालय आया था।आरोपियों से पूछताछ के दौरान यह पता चला है कि आरोपी ने खुद को भारतीय वायु सेना के सेवानिवृत्त विंग कमांडर के रूप में प्रतिरूपित किया, और वर्तमान में अनुबंध के आधार पर बाल भवन, विकास मार्ग, एनडी में संपर्क अधिकारी के रूप में कार्यरत था।इसके अलावा उनके परिसर की तलाशी के दौरान विभिन्न अधिकारियों के 19 टिकट, भारतीय वायु सेना के 02 अधिकारियों की वर्दी, कैंटीन कार्ड और अन्य कार्ड सहित 04 कार्ड, भारतीय वायु सेना के 03 डायरी भी बरामद किए गए। इसके अलावा उनके पास वाहन संख्या DL14-CD-3361 भारतीय वायु सेना के स्टिकर और विभिन्न सरकारी वाहनों के पास भी पाए गए।फिलहाल आरोपी पुलिस रिमांड पर है और आरोपी से संयुक्त पूछताछ की जा रही है। इन जाली दस्तावेजों और टिकटों के स्रोत का पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है।मामले की आगे की जांच जारी है।