उन्होंने प्रशासनिक ब्लॉक, अकादमिक ब्लॉक, शस्त्रागार भवन और बैरकों का दौरा कर विभिन्न सुविधाओं और प्रशिक्षण पद्धति के बारे में जानकारी ली
दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा ने प्रशिक्षुओं से बातचीत की। विभिन्न रैंकों के प्रशिक्षुओं के साथ बातचीत के दौरान, उन्होंने अपने प्रशिक्षण दिनों के अनुभव साझा किए और इस बात पर जोर दिया कि प्रशिक्षण समग्र होना चाहिए। उन्होंने प्रशिक्षुओं को सलाह दी कि वे अपने प्रशिक्षण में गहरी दिलचस्पी लें और क्षेत्र में अपने कर्तव्यों का कुशलतापूर्वक निर्वहन करने के लिए एक पुलिस अधिकारी द्वारा आवश्यक विभिन्न कौशल सीखते रहें। उन्होंने प्रशिक्षुओं को सलाह दी कि पुलिस अधिकारी का प्रशिक्षण कभी समाप्त नहीं होना चाहिए।एक पुलिस अधिकारी को अपने काम को कुशलतापूर्वक करने के लिए आवश्यक नई तकनीकों, कानूनों और विभिन्न सॉफ्ट स्किल्स को सीखने के लिए खुद में नया जोश भरते रहना पड़ता है।
पुलिस आयुक्त ने इस बात पर भी जोर दिया कि आधुनिक समय की पुलिस के लिए पुलिस के काम में नई तकनीकों के अनुप्रयोग की आवश्यकता होती है। और प्रशिक्षुओं को अपराध की रोकथाम और पता लगाने के उद्देश्य से फोरेंसिक उपकरणों के उपयोग सहित नवीनतम तकनीकों और वैज्ञानिक नवाचारों को आत्मसात करने में गहरी रुचि विकसित करनी चाहिए। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि एक अनुशासित बल होने के नाते पुलिस को कानून लागू करते समय सामुदायिक सेवा की भावना का पालन करना चाहिए।
इस मौके पर स्पेशल सीपी आर.एस. कृष्णा (प्रावधान एवं वित्त प्रभाग), स्पेशल सीपी मुकेश कुमार मीणा (प्रशिक्षण) स्पेशल सीपी सागर प्रीत हुड्डा (लॉ एंड ऑर्डर जोन- II) और डॉ ऋषि पाल (निदेशक, दिल्ली पुलिस अकादमी) भी उपस्थित थे।