नई दिल्ली:बाल दिवस के अवसर पर आउटर जिला पुलिस की कम्युनिटी पुलिसिंग सेल ने बच्चों के लिए कई महत्वपूर्ण कार्यक्रम आयोजित किए, जिनका उद्देश्य था—बच्चों में रचनात्मक प्रतिभा को प्रोत्साहित करना, डिजिटल सुरक्षा को बढ़ावा देना और पुलिस व समुदाय के बीच विश्वास का मजबूत सेतु बनाना।

बाल दिवस का मुख्य आकर्षण रहा स्पेशल GTG (गेट-टुगेदर), जिसमें तीन स्कूलों के 18 उत्कृष्ट छात्रों को आमंत्रित किया गया। ये छात्र गायन, नृत्य, स्केचिंग और राखी संदेश लेखन जैसे पिछले कार्यक्रमों में अपनी प्रतिभा दिखाकर चयनित हुए थे।
डीसीपी आउटर सचिन शर्मा, ने बच्चों से आत्मीय मुलाक़ात की, उनकी कला व आत्मविश्वास की प्रशंसा की और उन्हें अपने सपनों को निडर होकर आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित किया।बच्चों को उपहार भी प्रदान किए गए, जिससे यह मुलाक़ात उनके लिए बेहद खास बन गई।

बाल दिवस पर आयोजित ड्रॉइंग प्रतियोगिता में 30 छात्राओं ने भाग लिया।उन्होंने बचपन, शिक्षा और सामाजिक मूल्यों जैसे विषयों पर बेहद रंगीन और संदेशपूर्ण चित्र बनाए।
प्रथम, द्वितीय और तृतीय विजेताओं को उपहार देकर सम्मानित किया गया।इस कार्यक्रम ने छात्रों में कला के प्रति उत्साह बढ़ाया और पुलिस–छात्र संवाद को और मजबूत किया।
डिजिटल युग की ज़रूरत को समझते हुए आउटर जिला पुलिस ने एक व्यापक साइबर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया जिसमें 3,300 छात्रों ने भाग लिया।
सेशन में बच्चों को सिखाया गया: इंटरनेट का सुरक्षित उपयोग, साइबर बुलिंग से बचाव,
अजनबियों से निजी जानकारी साझा न करना
जिम्मेदार डिजिटल व्यवहार अपनाना
लाइव डेमो और इंटरएक्टिव चर्चा के माध्यम से छात्रों को वास्तविक साइबर जोखिमों से निपटने के व्यावहारिक उपाय बताए गए।पुलिस अधिकारियों ने छात्रों को साइबर अपराध की रिपोर्टिंग में संकोच न करने की सलाह दी।
स्पेशल GTG, ड्रॉइंग प्रतियोगिता और साइबर अवेयरनेस कार्यक्रम—इन तीनों आयोजनों ने बाल दिवस को सीखने, जागरूकता और उत्सव का अद्भुत मेल बना दिया।
कम्युनिटी पुलिसिंग सेल, आउटर जिला की ये पहलें बच्चों की सुरक्षा, शिक्षा, डिजिटल जागरूकता और रचनात्मक विकास के प्रति उनकी गंभीर प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं।







