नई दिल्ली – दिल्ली पुलिस ने भारतीय साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (I4C), गृह मंत्रालय और निदेशालय शिक्षा, दिल्ली सरकार के सहयोग से आज पुलिस मुख्यालय, जय सिंह रोड स्थित आदर्श ऑडिटोरियम में ‘साइबर–संवाद’ नामक कार्यशाला का आयोजन किया। इस विशेष कार्यशाला का उद्देश्य बच्चों के खिलाफ बढ़ते साइबर अपराधों के प्रति शिक्षकों को जागरूक करना और उन्हें डिजिटल सुरक्षा के प्रति प्रशिक्षित करना था।

कार्यक्रम में दिल्ली के विभिन्न स्कूलों से लगभग 350 कंप्यूटर शिक्षकों ने भाग लिया। इन शिक्षकों को ‘मास्टर ट्रेनर’ के रूप में प्रशिक्षित किया गया ताकि वे अपने स्कूलों में अन्य शिक्षकों और छात्रों को साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक कर सकें।

कार्यक्रम की शुरुआत लाल किला कार ब्लास्ट के पीड़ितों की स्मृति में दो मिनट के मौन से हुई। स्वागत भाषण में अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (पीआरओ) संजय त्यागी ने सभी अतिथियों और प्रतिभागियों का स्वागत किया और कार्यशाला की रूपरेखा प्रस्तुत की।
मुख्य अतिथि विशेष पुलिस आयुक्त (क्राइम एवं पीएमएमसी) देवेश चंद्र श्रीवास्तव,ने अपने संबोधन में शिक्षकों की भूमिका को बच्चों की सुरक्षा में अत्यंत महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को छात्रों के व्यवहारिक और शारीरिक बदलावों पर नजर रखनी चाहिए, जो साइबर बुलिंग या ड्रग्स के सेवन के संकेत हो सकते हैं। श्रीवास्तव ने कहा कि “एक छोटी-सी जानकारी भी भविष्य की पीढ़ी को सुरक्षित करने में बड़ा योगदान दे सकती है।”
कार्यशाला के दौरान दो तकनीकी सत्र आयोजित किए गए।
पहला सत्र संयुक्त पुलिस आयुक्त (IFSO) रजनीश गुप्ता,ने संचालित किया, जिसमें उन्होंने साइबर फ्रॉड के नए तरीकों और उससे बचाव के उपायों पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने “STOP, THINK, TAKE ACTION”के सिद्धांत को अपनाने पर जोर दिया।

दूसरा सत्र I4C के निदेशक निशांत कुमार ने लिया, जिन्होंने सरकार की साइबर सुरक्षा नीतियों और बच्चों की डिजिटल सुरक्षा के सर्वोत्तम उपायों पर चर्चा की।
कार्यशाला का समापन डीसीपी (IFSO) विनीत कुमार के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।
दिल्ली पुलिस की इस पहल का उद्देश्य शिक्षकों को डिजिटल सेफ्टी के फर्स्ट रिस्पॉन्डर और एम्बेसडर के रूप में सशक्त बनाना है, ताकि वे अपने विद्यालयों में बच्चों के लिए सुरक्षित ऑनलाइन वातावरण सुनिश्चित कर सकें।





