नई दिल्ली – साइबर अपराध के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई में दिल्ली पुलिस की सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट साइबर थाना टीम ने एक पैन-इंडिया “डिजिटल अरेस्ट” स्कैम चलाने वाले संगठित गिरोह का पर्दाफाश किया है। डीसीपी सेंट्रल डिस्ट्रिक निधिन वाल्सन ने बताया कि इस गिरोह ने देशभर में सैकड़ों लोगों को ठगी का शिकार बनाया था। पुलिस ने दिल्ली और उत्तर प्रदेश से पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है और उनके पास से लग्ज़री कार, मोबाइल फोन, बैंक दस्तावेज़, चेक बुक्स, डेबिट कार्ड, फर्जी कंपनी स्टैम्प्स और कई डिजिटल सिग्नेचर सहित भारी मात्रा में आपत्तिजनक सामान बरामद किया है।
पुलिस के अनुसार, एक महिला ने शिकायत दी थी कि उसे एक व्यक्ति ने फोन पर संपर्क किया और खुद को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) का अधिकारी बताया। बाद में उसने खुद को डीसीपी (पुलिस उपायुक्त) बताकर धमकाया कि उसकी आधार कार्ड का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग और अन्य आपराधिक गतिविधियों में किया गया है।
महिला को “डिजिटल अरेस्ट” की धमकी देकर एक स्काइप आईडी (MH00739 NCB Department) पर जोड़ा गया, जहाँ उसे फर्जी NCB आईडी कार्ड और आधिकारिक पत्र दिखाए गए। झांसे में आकर पीड़िता ने पहले ₹89,286 और बाद में ₹19,92,921 (जो कि उसके नाम पर लिए गए पर्सनल लोन की रकम थी) आरोपी के बताए खाते में ट्रांसफर कर दी। यह खाता M/s Lokeaj Innovation Pvt. Ltd.के नाम पर था।
इस पर एफआईआर संख्या 38/24, धारा 170/420/120B आईपीसी के तहत मामला दर्ज किया गया।
मामले की गंभीरता को देखते हुए एसीपी (ऑपरेशंस) सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट सुलेखा जागरवार, आईपीएस के निर्देशन में इंस्पेक्टर संदीप पंवार (एसएचओ, साइबर थाना) के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई, जिसमें एसआई कपिल कुमार, एचसी क्रांति, एचसी रविकांत और कांस्टेबल जतिन शामिल थे।
टीम ने तकनीकी निगरानी, सीडीआर/IPDR विश्लेषण और गुप्त सूचना के आधार पर दिल्ली, हापुड़ और ग्रेटर नोएडा में कई छापेमारी अभियान चलाए।
पहला आरोपी लोकेश गुप्ता को जनताविहार, मुकुंदपुर (दिल्ली) से 23 सितंबर 2025 को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में उसने खुलासा किया कि Lokeaj Innovation Pvt. Ltd. और Ajloke Software Pvt. Ltd. नाम से दो शेल कंपनियां बनाई गई थीं, जिनके खाते ठगी की रकम को घुमाने के लिए उपयोग किए जाते थे।
लोकेश की निशानदेही पर पुलिस ने मनोज कुमार चौधरी को हापुड़ (उ.प्र.) से गिरफ्तार किया। उसकी जानकारी पर मोहित जैन उर्फ रिंकू और केशव कुमार को गौर सिटी मॉल, ग्रेटर नोएडा से पकड़ा गया।
बाद में आरोपियों की निशानदेही पर सैफ अली को शाहदरा, दिल्ली से गिरफ्तार किया गया, जो शेल कंपनियों और फर्जी खातों के लिए लोगों की व्यवस्था करता था और इसके बदले ₹7 लाख ले चुका था।
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे देशभर में फैले एक संगठित साइबर सिंडिकेट का हिस्सा हैं, जो “डिजिटल अरेस्ट” के नाम पर लोगों से लाखों रुपये वसूलते थे। गिरोह फर्जी कंपनियों के नाम पर बैंक खाते खुलवाता था, जिनमें ठगी की रकम ट्रांसफर करवाई जाती थी।
मुख्य आरोपी मोहित जैन @ रिंकू ने खुलासा किया कि उसे हर ठगी की रकम का 2% से 3% कमीशन मिलता था। वह इन पैसों को “म्यूल अकाउंट्स” (जिनके माध्यम से पैसे को छिपाया जाता है) में ट्रांसफर करता था।
पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि आरोपियों द्वारा इस्तेमाल किए गए बैंक खातों का 473 साइबर शिकायतों से सीधा संबंध है, जिनमें दिल्ली के 24 मामले वर्ष 2025 में दर्ज किए गए हैं।
गिरफ्तार आरोपियों की जानकारी
1.लोकेश गुप्ता (38 वर्ष)
निवासी: मुकुंदपुर, दिल्ली
शिक्षा: आठवीं पास
पेशा: गाजियाबाद में अटेंडेंट
2. मनोज कुमार चौधरी
निवासी: हापुड़, उत्तर प्रदेश
शिक्षा: 12वीं पास
पेशा: धागे की रील फैक्ट्री संचालक
3. मोहित जैन उर्फ रिंकू (33 वर्ष)
निवासी: ग्रेटर नोएडा, उत्तर प्रदेश
शिक्षा: नौवीं पास
पेशा: साइबर ठगी में सक्रिय
4. केशव कुमार (45 वर्ष)
निवासी: गौतम बुद्ध नगर, उ.प्र.
शिक्षा: नौवीं पास
पेशा: साइबर फ्रॉड में शामिल
पूर्व मामला:एफआईआर नं. 17/2024, नई दिल्ली
5.सैफ अली (30 वर्ष)
निवासी: शाहदरा, दिल्ली
शिक्षा: स्नातक (बी.ए.)
पेशा: विशाल मेगा मार्ट में पोर्टर
बरामद सामग्री,पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से भारी मात्रा में साइबर अपराध से जुड़े सामान बरामद किए, जिनमें शामिल हैं:
14 एंड्रॉयड मोबाइल फोन,40 चेक बुक्स,33 सिम कार्ड,15 कंपनी स्टैम्प्स,22 स्टाम्प पेपर
,19 डेबिट कार्ड,14 पैन कार्ड, 7 डिजिटल सिग्नेचर, 1 इंटरनेट बैंकिंग की, 1 IDFC बैंक स्कैनर,1 डेबिट/क्रेडिट कार्ड स्वैप मशीन
MG Hector लग्ज़री कार
सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट पुलिस अब इस मामले में शेष आरोपियों की तलाश में जुटी है और *गिरोह के नेटवर्क की वित्तीय लेनदेन की परतें खोलने* का कार्य जारी है। पुलिस अन्य राज्यों की एजेंसियों से समन्वय कर इस पैन-इंडिया साइबर फ्रॉड नेटवर्क को पूरी तरह खत्म करने के लिए प्रयासरत है।