नई दिल्ली,दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के तहत कार्यरत मानव तस्करी विरोधी इकाई (AHTU) ने आज एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की। भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने AHTU को उनकी प्रक्रियाओं और कार्यप्रणाली के लिए आईएस-आईएसओ-9001:2015 प्रमाणन प्रदान किया।
दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा ने आज BIS अधिकारियों की उपस्थिति में यह प्रमाणपत्र AHTU की टीम को सौंपा। इस अवसर पर उन्होंने AHTU की सराहना करते हुए कहा, “AHTU ने पिछले एक दशक में मानव तस्करी, लापता बच्चों और बाल शोषण जैसे संवेदनशील मुद्दों पर प्रभावी ढंग से काम किया है। यह प्रमाणन उनकी कार्यकुशलता और व्यावसायिकता का प्रमाण है।”
AHTU, जिसे 10 मार्च 2014 को स्थापित किया गया था, मानव तस्करी, लापता बच्चों, बाल भिक्षावृत्ति और बाल शोषण के मामलों पर विशेष ध्यान देती है।
– 2014 से अब तक हजारों बच्चों और वयस्कों को उनके परिवारों से मिलाया गया है।
– 2024 में 227 लापता बच्चों को बचाया गया, जिनमें से 89 बच्चे दिल्ली के बाहर से थे।
– ऑपरेशन ‘मिलाप’ और ‘मुस्कान’ जैसे अभियानों के तहत बच्चों को उनके परिवारों से मिलाने में सफलता हासिल हुई।
– 100 से अधिक रिट याचिकाओं का निपटारा करते हुए 253 से अधिक आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।
AHTU की टीम ने डीसीपी क्राइम विक्रम सिंह और एसीपी अरुण चौहान के नेतृत्व में अपनी कार्यप्रणाली और प्रक्रियाओं का मानकीकरण किया। बीआईएस ने AHTU की प्रक्रियाओं का गहन ऑडिट और निरीक्षण किया। इसके बाद, AHTU को अंतरराष्ट्रीय मानकों पर खरा उतरने के लिए आईएसओ-9001:2015 प्रमाणन प्रदान किया गया।
पुलिस आयुक्त ने इस अवसर पर AHTU की टीम और उनके प्रयासों की प्रशंसा की। उन्होंने उन बच्चों के परिवारों से भी बातचीत की जिन्हें AHTU ने बचाया था। आयुक्त ने कहा, “AHTU की यह उपलब्धि अन्य पुलिस इकाइयों के लिए प्रेरणा है।”
यह प्रमाणन न केवल AHTU की कार्यक्षमता को मान्यता देता है, बल्कि मानव तस्करी और बाल शोषण जैसे गंभीर अपराधों से निपटने में उनकी प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है।