अबू आजमी ने 2017 में महिलाओं के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की थी
दिल्ली महिला आयोग के हस्तक्षेप के बाद अबू आजमी के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल आज मुंबई की एक अदालत में विधायक अबू आजमी के खिलाफ महिलाओं के खिलाफ महिला द्वेषपूर्ण बयान देने के लिए दर्ज प्राथमिकी से संबंधित मामले में गवाह के रूप में पेश हुईं। अबू आज़मी के खिलाफ जनवरी 2017 में उनकी गलत टिप्पणियों के लिए दिल्ली महिला आयोग के हस्तक्षेप के बाद एफआईआर दर्ज की गई थी।
2017 के नए साल की पूर्व संध्या पर, कर्नाटक के बेंगलुरु में कई लड़कियों के साथ सामूहिक छेड़छाड़ का मामला सामने आया था। उक्त घटना के बाद अबू आज़मी ने मीडिया में ऐसा बयान दिया जो अपमानजनक और महिलाओं के प्रति द्वेषपूर्ण था।
अबू आज़मी ने अपने बयान में कहा, “अफसोस की बात है..आज कल के आधुनिक जमाने में लड़के लड़कियां साथ घूमते हैं, उनको इतनी छूट दे दी गई है। अगर हम लोग बोलते हैं तो हमें कहते हैं कि हम पुराने ज़माने के दकियानूस लोग हैं। मेरे भारतवर्ष की जो संस्कृति जो रिवाज था, कि औरतों और मर्दों के बीच में लिहाज होता था, औरतें घूंघट में रहती थीं। आज मॉडर्न जमाने में जितना औरतें नंगी नजर आती है उतना फैशनेबल और आधुनिक कहा जाता है, पढ़ा लिखा जाता है और ये चीजें देश में बढ़ती जा रही हैं। ये भारतवर्ष की संस्कृति के ऊपर एक काला धब्बा है। आज वेस्टर्न कल्चर यहां आ रहा है, इसपर रोक लगनी चाहिए और सख़्ती के साथ हमें अपनी प्राचीन काल की संस्कृति और हमारी तहजीब में अमल करने की जरूरत है।
“शक्कर पड़ी होगी तो चींटियाँ तो आएँगी ही” आ
महिलाओं के ख़िलाफ़ ऐसे बयान देने वाले विधायक अबु आज़मी के ख़िलाफ़ आज मुंबई के बोरिवली कोर्ट में मैंने अपना बयान दर्ज करवाया। 2017 में मैंने अबु आज़मी के ख़िलाफ़ FIR दर्ज करवाई थी। pic.twitter.com/PuWxqvseM2— Swati Maliwal (@SwatiJaiHind) May 25, 2022
…. मैंने यह कहा है कि अपनी सुरक्षा का हमें खुद अपना ख्याल रखना चाहिए। मैं भारतवर्ष का हूं, उस देश का हूं जहां आज भी मुस्लिम औरते बुर्का पहनती है।
….. उसे तो जाने दीजिये, हिंदू औरतें तहजीब वाली अच्छे घरों की, राजा महाराज के घरो की, आप जाइए बड़े अच्छे सभ्यतादारों के घरों की औरतें जिन को ईश्वर ने बहुत पैसा दिया है, बहुत इज़्ज़त दिया है, उनके घर की महिलाये भी किसी ग़ैर आदमी सामने आती हैं तो पल्लू डाल के आती हैं और पूरे वदन पे कपड़े पहनाये जाते हैं, वदन का कोई हिसा दिखता नहीं है, ये मेरे देश की तहज़ीब है| आज वेस्टर्न कल्चर है कि आज वेस्टर्न कल्चर में जो हो रहा है कि किसीकी बच्ची रात को कहां है, किसकी बच्ची किसी के साथ घूम रही है वहां इसका ख्याल मां बाप नहीं करते है, मेरे देश में करते है। मैं इस बात को मानता हूं की अगर मेरी बहन मेरी बेटी रात को सूरज डूबने के बाद किसी गैर लड़के के साथ 31 की रात मनाए और उसके साथ उसका बाप ना हो, उसका पति ना हो, और वो गैर मर्दों के साथ में हो और मैं ये उम्मीद करूँ कि गैर मर्द उसके साथ बड़े सम्मान के साथ रहेंगे वो गलत है। इसपे बहुत लोग मुझे नारज होंगे, चलेगा लेकिन सच ही है।
… अगर कहीं पे पेट्रोल होगा और आग करीब आएगी तो आग जरूर लगेगी। पेट्रोल को आग से दूर रखना बहुत जरूरी है। आप कह रहे हैं की पेट्रोल भी रखेंगे और आग भी ना लगे…..
.. कही पे शक्कर गिरी होगी तो चींटी अपने आप आएगी, उसे आमंत्रण भेजना नहीं पड़ता है…
… मैं बहुत होश हबाश में बोल रहा हूं, अपनी औरतों का सम्मान, मेरी मां है, मेरी बेटी है, मेरी बहन है, उसका सम्मान उसे इज्ज़त रखने के लिए हमें इन बातों को लेकर हमें एहतियात बरतना चाहिए। मेरी बहन, मेरी बेटी है इस उम्र में भटक कर किसी गैर आदमी के साथ जाए और उसका मज़ाक उड़े, उसके साथ छेड़छाड़ हो उसका मौका ही ना दिया जाए। ये पुलिस की जिम्मेदारी है, 100% पुलिस की जिम्मेदारी है, लेकिन पुलिस कितनी जगह रहेगी ।
…अट्रैक्शन एक नेचर है, मर्द औरत में अट्रैक्शन होता है, लेकिन हमें अपनी मां, बहनों को इन चीजों से खुद एहतियात लेकर थोड़ा दूर रखने की जरूरत है।”
इस संबंध में आयोग ने दिल्ली पुलिस आयुक्त को पत्र भेजकर श्री अबू आजमी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की सिफारिश की थी, इसके बाद आयोग ने दिल्ली पुलिस को कई रिमाइंडर नोटिस भेजे क्योंकि दिल्ली पुलिस मामले में कोई कार्रवाई करने में विफल रही। कई नोटिसों के बाद, दिल्ली पुलिस द्वारा 07.12.2017 को एक ज़ीरो एफआईआर दर्ज की गई और उसे मुंबई पुलिस को भेज दिया गया। इसके बाद, अबू आज़मी के खिलाफ मुंबई के कोलाबा थाने में आईपीसी की धारा 294B के तहत मामला दर्ज किया गया था। मामले में बयान देने के लिए मुंबई कोर्ट ने दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष को बुलाया था। स्वाति मालीवाल आज कोर्ट में पेश हुईं और अपना बयान दिया। अब मामले की सुनवाई 18 जून को होगी।
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा है, “महिलाओं के प्रति राजनेताओं द्वारा इस तरह के बयान महिलाओं को ऑब्जेक्टिफाई करते हैं और महिलाओं के प्रति गलत मानसिकता को प्रोत्साहित करते हैं। ये कथन समाज को नकारात्मक रूप से प्रभावित करते हैं और उसकी सोच को पीछे की ओर ले जाते हैं। मैं 8 महीने की रेप सर्वाइवर से मिली हूं, जो आपराधिक और भेदभावपूर्ण मानसिकता वाले लोगों का शिकार हुई हैं। इस तरह के बयान देने वाले राजनेताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए, ताकि वे इस तरह के द्वेषपूर्ण बयान देने से बचें।”