दिल्ली में ‘मनोबल फाउंडेशन’ और सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट पुलिस की संयुक्त पहल
नई दिल्ली- विश्व मानव तस्करी विरोधी दिवस (30 जुलाई) के उपलक्ष्य में दिल्ली में एक विशेष जागरूकता रैली का आयोजन किया गया, जिसमें पहली बार यौनकर्मियों ने भी भाग लेकर समाज को एक महत्वपूर्ण संदेश दिया। इस रैली का आयोजन ‘मनोबल – ए न्यू बिगिनिंग फाउंडेशन’द्वारा मध्य जिला दिल्ली पुलिस के सहयोग से किया गया।
रैली की शुरुआत कमला मार्केट थाना से हुई और इसका समापन स्वामी श्रद्धानंद मार्ग (जीबी रोड) स्थित महिला पुलिस चौकी पर हुआ। यह स्थान खुद मानव तस्करी और लैंगिक शोषण की पीड़ा का प्रतीक है, जहां यह रैली अपने संदेश को और अधिक प्रभावी ढंग से पहुंचाने में सफल रही।
इस रैली में जेआईएमएस और आईआईटीएम कॉलेज के छात्रों ने भी सक्रिय भागीदारी की। छात्रों ने राहगीरों से बातचीत कर मानव तस्करी की पहचान, उससे जुड़ी जोखिमों और बचाव के तरीकों को लेकर जागरूकता फैलाने का प्रयास किया।
दिल्ली पुलिस की ओर से एसएचओ सी.एल. मीना (कमला मार्केट) और महिला पुलिस चौकी प्रभारी किरण सेठी ने रैली में भाग लेकर उपस्थित लोगों को संबोधित किया। उन्होंने कहा, “मानव तस्करी एक गंभीर अपराध है और युवाओं को इसके खिलाफ जागरूक रहकर समाज में बदलाव लाने की ज़रूरत है।”
मनोबल फाउंडेशन की संस्थापक निर्मला बी. वाल्टर, जो वर्षों से मानव तस्करी पीड़ितों के लिए कार्य कर रही हैं, ने भावुक संबोधन में कहा:“जब तक हम इस पर बात नहीं करेंगे, लोग अनजान रहेंगे। तस्करी से बचाए गए लोगों को समाज से बहिष्कार झेलना पड़ता है। हर जीवन की कीमत है — समाज को जागरूक करना ही हमारी जिम्मेदारी है।”
इस कार्यक्रम ने यह साबित किया कि जब समाज के अलग-अलग वर्ग एकजुट होते हैं, तो किसी भी सामाजिक बुराई के खिलाफ प्रभावी संघर्ष संभव है। रैली ने न केवल मानव तस्करी के खिलाफ आवाज़ बुलंद की, बल्कि यह भी दिखाया कि पीड़ित स्वयं भी परिवर्तन के वाहक बन सकते हैं।
मनोबल फाउंडेशन और दिल्ली पुलिस ने इस अवसर पर पुनः यह संकल्प लिया कि वे आगे भी जागरूकता, पीड़ित सहायता और सामाजिक पुनर्वास के कार्यों को निरंतर जारी रखेंगे।