नई दिल्ली – डीसीपी सेंट्रल डिस्ट्रिक निधिन वाल्सन ने बताया कि थाना हौज़ क़ाज़ीकी टीम ने एक इंटर-स्टेट बर्गलरी मॉड्यूल का सफलतापूर्वक भंडाफोड़ किया है। इस कार्रवाई में दो कुख्यात चोरों—अकर्म @ मुल्ला @ गोविंदा और रिज़वान @ मियां—को गिरफ्तार किया गया है, जो दिल्ली, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और महाराष्ट्र में सक्रिय होकर घरों में सेंधमारी की वारदातों को अंजाम देते रहे हैं।
पुलिस ने इनके कब्जे से दो देसी कट्टे, 10 लाइव कारतूस, सेंधमारी में इस्तेमाल होने वाले टूल्स और अन्य महत्वपूर्ण सबूत बरामद किए हैं। खास बात यह रही कि आरोपी सिम-आधारित लोकेशन ट्रैकिंग से बचने के लिए डोंगल के जरिए व्हाट्सएप कॉलिंग का इस्तेमाल कर रहे थे, ताकि मोबाइल नेटवर्क के ज़रिए उनकी वास्तविक लोकेशन ट्रेस न की जा सके।
मामला 26 अक्टूबर 2025 का है, जब हौज़ क़ाज़ी थाना क्षेत्र के ज़ीनत महल की एक निवासी परिवार ने पुलिस को घर में चोरी की शिकायत दी। परिवार 23 अक्टूबर को रिश्तेदारी में शादी समारोह में गया था। वापसी पर घर का ताला टूटा हुआ मिला और जाँच में पता चला कि: सोने, चांदी व हीरे के गहने,एक महंगी घड़ी,और ₹2.5 लाख नकद,घर से गायब थे।
चोरी का तरीका पेशेवर था,एसीपी कमला मार्केट, सुलेखा जागरवार ने पूरे ऑपरेशन की निगरानी की।एसएचओ हौज़ क़ाज़ी इंस्पेक्टर अमरेंद्र कुमार सुमन के निर्देशन में एक विशेष टीम गठित की गई।एसआई नारायण (आई/सी पीपी रोडग्रैन), डब्ल्यू/एसआई राजनंदिनी, एएसआई संजीव, एएसआई संजीव,हेड कांस्टेबल भागीरथ,हेड कांस्टेबल ऐश मोहम्मद, हेड कांस्टेबल संजय और कांस्टेबल गणेश की एक समर्पित टीम बनाई गई।
टीम ने 150 CCTV कैमरों की फुटेज खंगाली गई।आसपास के क्षेत्रों में आने-जाने वालों की गतिविधियों को स्कैन किया, Facial Recognition System (FRS) का उपयोग किया,30 से अधिक मोबाइल नंबरों की टेक्निकल एनालिसिस की,उत्तर-पूर्वी दिल्ली क्षेत्र में खुफिया स्रोत सक्रिय किए।
एक आरोपी फुटेज में हरी टोपी और काले मास्क के साथ दिखा, जबकि उसका साथी लंबी ब्रिम वाली कैप पहने हुए था। दोनों ने अपनी पहचान छिपाने की कोशिश की, लेकिन चांदनी चौक की फुटेज में उनमें से एक का चेहरा साफ दिख गया।
FRS से कई संभावित मैच मिले, पर कोई भी उपयोगी नहीं रहा। इसी दौरान खुफिया सूत्रों से नाम “मियां जी” सामने आया, लेकिन पहचान अधूरी थी।
मोबाइल नंबरों की विस्तृत जांच में प्राथमिक आरोपी की पहचान अकर्म @ मुल्ला @ गोविंदा के रूप में हुई। यह वही व्यक्ति था, जिसे चांदनी चौक के कैमरे में साफ देखा गया था।
13 नवंबर 2025 को खुफिया इनपुट पर पुलिस टीम ने खजूरी खास में छापेमारी कर अकर्म @ मुल्ला @ गोविंदा (56 वर्ष)को गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के समय उसके पास से:दो देसी कट्टे,10 जिंदा कारतूस,चोरी करने के औज़ार,कैप, मास्क, बैग और अन्य कपड़े व प्रमाण बरामद हुए।
बरामद किए गए। इस बरामदगी के आधार पर थाना खजूरी खास में आर्म्स एक्ट की अलग FIR दर्ज हुई।
पूछताछ के दौरान उसने बताया कि इस मॉड्यूल का मास्टरमाइंड रिज़वान @ मियां है।
रिज़वान लगातार विभिन्न राज्यों में लोकेशन बदलता रहता था। सबसे हैरान करने वाली बात यह रही कि वह:फोन में सिम कार्ड नहीं डालता था। व्हाट्सएप चलाने के लिए सिर्फ डोंगल इंटरनेट का इस्तेमाल करता था।फर्जी नामों से बनाए व्हाट्सएप नंबरों पर कॉल करता था।
एक जगह रुकता नहीं, हर कुछ दिनों में ठिकाना बदल देता था
तकनीकी विश्लेषण में पाया गया कि रिज़वान का डोंगल-आधारित व्हाट्सएप नंबर अमरोहा (यूपी) में सक्रिय है।16 नवंबर 2025 को पुलिस ने अमरोहा में छापा मारा और उसे गिरफ्तार कर लिया।
आरोपी की पहचान
1. अकर्म @ मुल्ला @ गोविंदा — 56 वर्ष,मूल निवासी: बिजनौर ( यूपी),वर्तमान: खजूरी खास, दिल्ली,इंटर-स्टेट चोर, पेशेवर तरीके से काम करता है
2. रिज़वान @ मियां — 62 वर्ष,निवासी: रामपुर (यूपी),मूल जड़ें: भोजपुर/मुरादाबाद,थाना अफज़लगढ़ का BC है।,20 से अधिक आपराधिक मामले,वर्षों से चोरी की वारदातों में सक्रिय।
सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट पुलिस अब:इनके इंटर-स्टेट नेटवर्क की गहराई से जांच कर रही है।अन्य सहयोगियों की पहचान,चोरी हुए गहने और कैश की रिकवरी,अन्य राज्यों में इनके लिंक तलाशने में जुटी हुई है।





