डीसीपी सेंट्रल एम. हर्षवर्धन ने बताया दिल्ली के ऐतिहासिक स्थलों – जामा मस्जिद और लाल किला – पर बम की धमकी की झूठी कॉल करने के मामले में दिल्ली पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी की पहचान करावल नगर निवासी 38 वर्षीय आसिफ के रूप में हुई है।
10 अप्रैल को पुलिस कंट्रोल रूम को एक आपातकालीन कॉल मिली, जिसमें कॉलर ने दावा किया कि जामा मस्जिद और लाल किले में विस्फोटक लगाए गए हैं। इस कॉल के बाद पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां तुरंत हरकत में आ गईं। उच्च स्तरीय सतर्कता बरती गई और दोनों स्थानों की सुरक्षा जांच की गई, हालांकि बाद में यह कॉल फर्जी निकली।
इस गंभीर और दहशत फैलाने वाली घटना के बाद थाना जामा मस्जिद में एफआईआर दर्ज की गई और जांच शुरू की गई। एसीपी कमला मार्केट सुलेखा जगरवार की निगरानी में इंस्पेक्टर आदेश प्रकाश एसएचओ जामा मस्जिद और उनकी टीम – एसआई आयुष राजपूत, एसआई प्रदीप तोमर, एचसी युधिष्ठिर और सीटी सीताराम यादव – ने इस मामले में दिन-रात काम किया।
पुलिस टीम ने तकनीकी निगरानी, IMEI ट्रैकिंग, कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) विश्लेषण और सीसीटीवी फुटेज के जरिए आरोपी तक पहुंच बनाई। जांच में पता चला कि धमकी देने के लिए जिस मोबाइल नंबर का इस्तेमाल हुआ था, वह उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद निवासी सद्दाम के नाम पर था, जिसने बताया कि उसका फोन 6 अप्रैल को रुड़की में खो गया था।
आखिरकार, तकनीकी विश्लेषण और जमीनी खुफिया सूचना के आधार पर आरोपी आसिफ की पहचान की गई, जिसने सद्दाम का खोया हुआ फोन पाकर उसका इस्तेमाल किया। वह लगातार स्थान बदलता रहा, लेकिन 14 अप्रैल की रात करीब 11 बजे उसे जीटीबी अस्पताल के पास से गिरफ्तार कर लिया गया।
पूछताछ में आरोपी ने स्वीकार किया कि उसने नशे की हालत में 112 पर कॉल कर झूठी सूचना दी थी। कॉल करने के बाद उसने सिम कार्ड तोड़कर सबूत मिटाने की कोशिश भी की। पुलिस ने झूठी कॉल में इस्तेमाल हुआ मोबाइल फोन भी बरामद कर लिया है।
पुलिस ने बताया कि इस मामले में आगे की जांच जारी है और आरोपी के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।