नई दिल्ली,डीसीपी सेंट्रल डिस्ट्रिक डीसीपी सेंट्रल, निधान वाल्सन ने बताया कि दिल्ली पुलिस की तत्परता और तकनीक के इस्तेमाल से एक बड़ा अपराध टल गया। आनंद पर्वत इलाके से 3 महीने के मासूम बच्चे के अपहरण की गुत्थी पुलिस ने महज 18 घंटे में सुलझा ली। आरोपी को राजस्थान के खेतड़ी से गिरफ्तार कर लिया गया और बच्चा सुरक्षित उसकी मां को सौंप दिया गया।
19 अगस्त को आनंद पर्वत थाने में एक महिला ने अपने 3 माह के बेटे के अपहरण की शिकायत दर्ज कराई। महिला मूल रूप से चेन्नई की रहने वाली है और अपने रिश्तेदार से मिलने दिल्ली आई थी। ट्रेन यात्रा के दौरान ही उसकी मुलाकात एक अजनबी से हुई, जिसने बातचीत के दौरान करीब दो घंटे में उसका विश्वास जीत लिया।
दिल्ली पहुंचने के बाद आरोपी महिला को एक कपड़े की दुकान पर ले गया और 150 रुपये देकर बच्चे के लिए कपड़ा खरीदने को कहा। जैसे ही महिला दुकान के अंदर गई, आरोपी मासूम को लेकर फरार हो गया।
शिकायत दर्ज होने के बाद मामला गंभीरता से लेते हुए एफआईआर नंबर 496/25, धारा 137(2) BNS, थाना आनंद पर्वत में दर्ज किया गया।
पुलिस ने तुरंत एक विशेष टीम गठित की जिसमें एसआई साहिल, हेड कॉन्स्टेबल सुरेश, संजय, रणवीर और कॉन्स्टेबल मनीष व अशोक शामिल थे। इस टीम का नेतृत्व SHO आनंद पर्वत सुबाष चंदर ने किया और एसीपी पटेल नगर सुनील गुप्ता की देखरेख में जांच आगे बढ़ी। केस की मॉनिटरिंग एडिशनल डीसीपी सेंट्रल प्रशांत चौधरी ने खुद की।
टीम ने करीब 100 CCTV कैमरों की फुटेज खंगाली। इसमें आरोपी बच्चे को लेकर जाता हुआ दिखा। इसके बाद तस्वीरों को **फेशियल रिकग्निशन सिस्टम (FRS) पर डाला गया, जिससे आरोपी की पहचान हो गई। आरोपी का पता उसके पैतृक गांव खेतड़ी, राजस्थान में चला।
दिल्ली पुलिस की टीम तुरंत राजस्थान रवाना हुई और स्थानीय पुलिस की मदद से आरोपी को खेतड़ी स्थित उसके घर से दबोच लिया गया। बच्चे को भी सुरक्षित बरामद कर लिया गया और मां से मिलवाया गया।
पूछताछ में आरोपी जितेंद्र कुमार (32 वर्ष), पुत्र बिरबल, निवासी टोडी मोहल्ला, खेतड़ी ने चौंकाने वाला खुलासा किया। उसने बताया कि उसके एक रिश्तेदार के घर बेटा नहीं था और वह किसी भी तरह एक लड़का चाहता था। आरोपी को लालच दिया गया कि यदि वह एक शिशु लड़का उपलब्ध कराए तो उसे आर्थिक मदद मिलेगी। इसी लालच में वह दिल्ली आया और अवसर मिलते ही मासूम को उठा ले गया।
डीसीपी सेंट्रल, निधान वाल्सन (IPS) ने इस सफल ऑपरेशन पर टीम की प्रशंसा की और कहा कि दिल्ली पुलिस अपराधों की रोकथाम और बच्चों की सुरक्षा को लेकर पूरी तरह संवेदनशील है। इस मामले में आधुनिक तकनीक, सीसीटीवी एनालिसिस और विभिन्न राज्यों की पुलिस के बीच समन्वय ने अहम भूमिका निभाई।