स्पेशल सीपी क्राइम रवींद्र सिंह यादव ने बताया
- क्राइम ब्रांच द्वारा आदतन वाहन चोर व हिस्ट्रीशीटर को हथियार सहित गिरफ्तार
- आरोपी थाना अलीपुर का अनुपस्थित हिस्ट्रीशीटर
- चोरी के चार वाहनो की बरामदगी सहित वाहन चोरी के तीन मामले सुलझाये गये
- पूर्व में 18 अपराधिक मामलों में संलिप्त
उत्तरी रेंज II /क्राइम ब्रांच की टीम ने वाहन चोर कुलदीप @ लकी, उम्र 42 वर्ष, निवासी गांव झंगोला, अलीपुर, दिल्ली को अवैध हथियार सहित गिरफ्तार किया है। वह पूर्व में 18 अपराधिक मामलों में संलिप्त है | इसकी गिरफ्तारी के साथ दिल्ली में वाहन चोरी के तीन मामले सुलझाये गए है |
हैड कांस्टेबल परमजीत को गुप्त सूचना मिली कि वाहन चोर कुलदीप @ लकी अवैध हथियार के साथ चोरी के वाहन पर दिल्ली के खामपुर के पास आएगा। अगर समय में कार्यवाही की जाये तो उसे वहाँ से पकड़ा जा सकता है |
तदानुसार, ज्वाइंट सीपी एसडी मिश्रा और डीसीपी संजय भाटिया द्वारा आरोपी को पकड़ने के लिए एसीपी नरेंद्र सिंह की देखरेख में व निरीक्षक संदीप स्वामी के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया | जिसमे उप निरीक्षक सुखविंदर सिंह, सहायक उप निरीक्षक सुनील, सहायक उप निरीक्षक अशोक, सहायक उप निरीक्षक अनिल, हैड कांस्टेबल कपिल, हैड कांस्टेबल परमजीत, हैड कांस्टेबल परविंदर, हैड कांस्टेबल राज आर्यन, हैड कांस्टेबल रविंदर और हैड कांस्टेबल सुमित शामिल थे |
उपरोक्त सूचना के अनुसार टीम द्वारा खामपुर गांव, दिल्ली के क्षेत्र में जाल बिछाया गया और आरोपी कुलदीप @ लकी, उम्र 42, निवासी गांव झंगोला, अलीपुर दिल्ली को एक पिस्तौल व आई -20 कार सहित गिरफ्तार किया गया।कार पर HR -87 F-7503 नंबर की फर्जी पंजीकृत नंबर प्लेट लगी थी। सत्यापन करने पर कार ई-प्राथमिकी संख्या 021568/2023, धारा 379 भारतीय दंड संहिता, थाना शालीमार बाग, दिल्ली के तहत चोरी पायी गयी |
पूछताछ करने पर आरोपी ने खुलासा किया कि वह संभल, उत्तर प्रदेश के जानी @तानी गैंग का सदस्य रहा है। वर्ष 2021 में वह रिजवान, सीतापुर, उत्तर प्रदेश के संपर्क में आया और दिल्ली/एनसीआर के इलाके में वाहन चोरी की वारदात को अंजाम देने लगा। रिजवान उनका सरगना था, जो वाहन को अनलॉक करने के उद्देश्य से चीनी कंपनी “Alibaba.com” से प्रोग्रामिंग किट की व्यवस्था करता था और आरोपी कुलदीप निर्धारित किये गये वारदात के स्थान की रेकी करता था।वारदात को अंजाम देने के लिए आरोपी आमतौर पर ड्राइवर साइड की खिड़की का शीशा तोड़ देते थे और दरवाजा खोलने के बाद, आरोपी कुलदीप वाहन को अनलॉक करने के लिए प्रोग्रामिंग किट का इस्तेमाल करता है। रिजवान हुंडई, मारुति और किआ कंपनी के कुछ कर्मचारीयों के संपर्क में है और उन कर्मचारीयों की मदद वह वाहनों के कोड की व्यवस्था करता है । कोड प्राप्त करने के बाद वे प्रोग्रामिंग किट में कोड डालकर वाहन का स्टीयरिंग लॉक खोलते हैं। इसके बाद, वे अपने पास उपलब्ध सेंसर चाबी में उस कोड का उपयोग करते हैं और वाहनों को चालू करते हैं। वाहनों को चोरी करने के बाद वे चोरी के वाहन को किसी सूनसान जगह पर पार्क कर देते है | नेपाल से ऑर्डर लेने के बाद रिजवान शाहिद के साथ वाहन को नेपाल सीमा तक पहुंचाते हैं।